सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए प्रसिद्ध है, और इस दौरान बिल्व पत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेष रूप से चार पत्ती वाला बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि चार पत्ते वाले बेलपत्र का क्या महत्व है और इसे अर्पित करने के क्या फायदे हैं।
चार पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व
चार पत्ती वाले बेलपत्र का धार्मिक महत्व
- शिव पूजन में विशेष स्थान: भगवान शिव को बेल पत्र अत्यंत प्रिय है और चार पत्तियों वाला बेलपत्र अर्पित करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- पापों का नाश: कहा गया है कि ‘दर्शनम् बिल्व पत्रस्य, स्पर्शनमं पाप नाशनम्’, अर्थात् बेल पत्र का दर्शन करने से पापों का शमन हो जाता है।
चार पत्ती वाले बेलपत्र का वैज्ञानिक महत्व
- वायुमंडल की शुद्धि: बिल्व वृक्ष वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता रखता है।
- सांपों से सुरक्षा: बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते, जिससे यह वृक्ष सुरक्षा प्रदान करता है।
चार पत्ती वाले बेलपत्र के लाभ
भगवान शिव को अर्पित करने के लाभ
- समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति: चार पत्तियों वाला बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: यदि किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
चार पत्ती वाले बेलपत्र का दुर्लभ होना
- दुर्लभता और शुभता: चार पत्तियों वाला बेलपत्र मिलना और उसका दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है।
चार पत्तियों वाला बेलपत्र: विशेष लाभ और महत्व का सारांश
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बिंदु | विवरण |
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धार्मिक महत्व | भगवान शिव को प्रिय, पापों का नाश |
वैज्ञानिक महत्व | वायुमंडल की शुद्धि, सांपों से सुरक्षा |
पूजन में लाभ | मनोकामनाओं की पूर्ति, मोक्ष की प्राप्ति |
दुर्लभता | दुर्लभ और शुभ माना जाता है |
FAQs
चार पत्ती वाला बेलपत्र का धार्मिक महत्व क्या है?
चार पत्ती वाला बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। इसे अर्पित करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
4 पत्ते वाले बेलपत्र का मिलना क्यों शुभ माना जाता है?
चार पत्तियों वाला बेलपत्र मिलना अत्यंत दुर्लभ होता है और इसका दर्शन करने मात्र से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
क्या बेल वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते?
हाँ, बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते, जिससे यह सुरक्षा प्रदान करता है।
बिल्व वृक्ष का वायुमंडल की शुद्धि में क्या योगदान है?
बिल्व वृक्ष वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की उच्च क्षमता रखता है, जिससे यह पर्यावरण को शुद्ध करता है।
इस प्रकार, चार पत्ती वाला बेलपत्र का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से अत्यधिक महत्व है। भगवान शिव को अर्पित करने से यह विशेष फलदायी होता है।