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आरंभ
हिंदू संस्कृति में, भगवान गणेश का स्थान सबसे विशेष मन जाता है। उनकी मूर्ति का घर में सही दिशा में स्थिर करना, वास्तु के अनुसार, घर के लिए शुभ और मंगलकारी होता है। ब्लॉग में, हम जानेंगे की गणेश जी की मूर्ति को किस दिशा में रखना चाहिए, ताकी घर में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहे।
गणेश जी की मूर्ति: एक प्रतीक
गणेश जी, संकट निवारक और बुद्धि के देवता, उनकी मूर्ति हमारे घर में शुभ फल और समृद्धि लाने में मदद करती है। उनकी मूर्ति को घर में स्थिर करना एक आध्यात्मिक ताथा वास्तु अनुकूल रीति है।
सही दिशा का महत्व (Ganesh Ji ki Sudh Kis Taraf Hona Chahiye)
गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थिर करते समय, दिशा का ध्यान रखना महात्व पूर्ण है। यादी आप वास्तु शास्त्र की माने तो, मूर्ति को उत्तर या पूरब दिशा में स्थिर करना शुभ होता है। ये दिशा घर में शुभ ऊर्जा को भर देती है और मानव जीवन में समृद्धि लाती है।
वास्तु के अनुसार दिशा का चयन
उत्तर दिशा:
- गणेश जी की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थिर करने से घर में शांति बनी रहती है।
- ये दिशा विद्यार्थी और व्यापारी सुख के लिए भी शुभ होती है।
पूरब दिशांतर:
- अगर घर के मुखिया धरोहर के अनुसर स्थिर किया जाए तो, पूरब दिशा भी एक शुभ दिशा है।
- क्या दिशा में गणेश जी की स्थापना होती है, आर्थिक सफलता को बढ़ा सकते हैं।
- घर के मुख्य धरोहर के अनुसर:
- घर में सेवा भाव के अनुरूप, स्थिर धरोहर के दिशा में भी गणेश जी की मूर्ति रख सके हैं।
- ये दिशा पारिवारिक सुख, सद्भावना और समृद्धि के लिए शुभ होती है।
कुछ महत्व पूर्ण युक्तियाँ
- मूर्ति की ऊंचाई:
- गणेश जी की मूर्ति को स्थिर करते वक्त, ध्यान रहे की उनकी मूर्ति की ऊँची धरती पर स्थिर होती हो।
- उनकी मूर्ति को इतना अच्छा लगता है कि उनकी पूजा करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
- सफाई और पवित्रता:
- मूर्ति के स्थान को हमें साफ और पवित्र रखें।
- गणेश जी के सामने सफाई का ध्यान रखना उनकी कृपा को बरहटा है।
- नित्या पूजा:
- गणेश जी की मूर्ति को नित्य पूजा करना ना भूलें।
- नित्या पूजा से उनकी कृपा बनी रहती है और घर में शुभ फल आता है।
अंतिम विचार
गणेश जी की मूर्ति को सही दिशा में स्थिर करना एक आध्यात्मिक और वास्तु अनुकूल तारिका है घर में शांति और समृद्धि को बुलाने का। वास्तु के अनुरूप दिशा का ध्यान रख कर गणेश जी की मूर्ति को स्थिर करने से घर में शक्ति शक्ति ऊर्जा का संचार होता है। ये एक क्रिया है जो आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से हमारे घर को पुनः पवित्र बना सकती है।