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दिवाली: महालक्ष्मी मंत्र Mahalaxmi Mantra in Hindi

Mahalaxmi Mantra महालक्ष्मी मंत्र

Mahalaxmi Mantra महालक्ष्मी मंत्र

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माँ लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजी जाने वाली, हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण देवी हैं। उन्हें प्राप्त करने के लिए, भक्तों ने सदाचार, भक्ति और उनके प्रति विशेष समर्पण के साथ महालक्ष्मी मंत्रों का जाप किया है। इस ब्लॉग में, हम महालक्ष्मी मंत्र के महत्व को जानेंगे और इसे सही रीति से जपने के लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत करेंगे।

महालक्ष्मी मंत्र: धन और समृद्धि की कुंजी

माँ महालक्ष्मी के मंत्र उनके भक्तों को धन, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति के लिए प्रेरित करने का कारण बनते हैं। यह मंत्र सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत अद्भुत है और इसका जाप करने से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस कर सकता है।

महत्वपूर्ण महालक्ष्मी मंत्र (Mahalaxmi Mantra in Hindi)

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।

इस मंत्र का जाप करते समय आपको विशेष ध्यान और भक्ति के साथ करना चाहिए। ध्यानपूर्वक मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

सुझाव: महालक्ष्मी मंत्र का जाप कैसे करें:

  1. पवित्रता का ध्यान रखें:
    • मंत्र का जाप करते समय, एक शांत और पवित्र स्थान चुनें।
    • वहाँ पूजा सामग्री को साफ-सुथरा रखें और ध्यान केंद्रित करें।
  2. माला का उपयोग करें:
    • मंत्र के जाप के लिए माला का उपयोग करना अच्छा होता है।
    • १०८ बार का जाप करें और माला को पवित्र रखें।
  3. ध्यान और श्रद्धा:
    • मंत्र का जाप करते समय ध्यान और श्रद्धा के साथ करें।
    • माँ लक्ष्मी की कृपा के लिए आभारी भावना रखें।

महत्वपूर्ण लक्ष्मी मंत्र

1. अर्घ्य पूजा मंत्र

क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।

सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्यं नमो नमः॥

2. निवेदन पूजा मंत्र

सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता।

सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तामिदं ग्रस॥

3.प्रार्थना पूजा मंत्र

सर्वदेवमये देवि सर्वदेवैरलङ्कृते।

मातर्ममाभिलषितं सफलं कुरु नन्दिनि॥

4. मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि

तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

5. अभ्यंग स्नान मंत्र

सीतालोष्टसमायुक्त सकण्टकदलान्वित।

हर पापमपामार्ग भ्राम्यमाणः पुनः पुनः॥

6. मंत्र

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

7. लक्ष्मी दिवाली मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः॥

8. बलि नमस्कार मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

यानि तान्यक्षयाण्याहुर्मयैवं संप्रदर्शितम्॥

9. दिवाली मंत्र

गोवर्धन धराधार गोकुलत्राणकारक।

बहुबाहुकृतच्छाय गवां कोटिप्रदो भव॥

10.  लक्ष्मी नृसिंहाय मंत्र

ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।

ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।

11. मार्गपालि मंत्र

मार्गपालि नमोस्तेऽस्तु सर्वलोकसुखप्रदे।

विधेयैः पुत्रदाराद्यैः पुनरोहि व्रतस्य मे॥

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