सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस साल सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और इस दौरान पाँच सोमवार पड़ेंगे। इस दौरान भगवान शिव के निमित्त व्रत रखना शुभ माना गया है। मान्यता है कि व्रत रखने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि सावन सोमवार के व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
सावन सोमवार व्रत के दौरान सेवन करने योग्य वस्तुएं
- फलाहार: शाम के समय व्रती मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं जैसे केले और सेब। मौसमी फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और भूखे रहने पर भी कमजोरी महसूस नहीं होती।
- कच्चा नारियल: यह ऊर्जा से भरपूर होता है और व्रत के दौरान खाने के लिए उचित है।
- दूध और दुग्ध उत्पाद: दूध, दही, छाछ और लस्सी का सेवन व्रत के दौरान किया जा सकता है।
- साबूदाने की खिचड़ी और खीर: ये व्यंजन उपवास खोलने के लिए उत्तम माने जाते हैं।
- सेंधा नमक: व्रत के खाने में सेंधा नमक का ही उपयोग करें।
- उबले आलू: उबले हुए आलू, आलू की टिक्की या हलवा बनाकर सेवन किया जा सकता है।
व्रत के दौरान सेवन न करने योग्य वस्तुएं
- मसालेदार और बेसन से बने व्यंजन: व्रत के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
- बैंगन और हरी सब्जियां: बैंगन, पत्ता गोभी, पालक और फूल गोभी के सेवन से बचना चाहिए।
- तामसिक भोजन: व्रत के अलावा सावन माह के अन्य दिनों में भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
व्रत के लिए अनुशंसित आहार योजना
समय | आहार विकल्प |
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सुबह | फलाहार (सेब, केला, पपीता) |
दोपहर | दही, छाछ, कच्चा नारियल |
शाम | साबूदाने की खिचड़ी, साबूदाना खीर |
रात्रि | उबले आलू, आलू की टिक्की, हलवा |
सावन व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
- सेंधा नमक का उपयोग: व्रत के खाने में केवल सेंधा नमक का ही प्रयोग करें, साधारण नमक का उपयोग न करें।
- मौसमी फल: पोषक तत्वों से भरपूर मौसमी फलों का सेवन करें जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
- दुग्ध उत्पाद: दूध, दही, छाछ और लस्सी जैसे दुग्ध उत्पादों का सेवन करें जो शरीर को पोषण देते हैं।
निष्कर्ष
सावन सोमवार के व्रत के दौरान सही आहार का सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। फलाहार, दुग्ध उत्पाद और उचित नमक का प्रयोग व्रत को सफल बनाते हैं। मसालेदार और तामसिक भोजन से बचें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।